'लड़की को परिणाम पता था, फिर भी शारीरिक संबंध बनाए'; हाईकोर्ट ने नाबालिग से रेप के आरोपी को दी जमानत, 3 साल से जेल में था

Bombay High Court Bail To POCSO Case Rape Accused Crime News
Bombay HC Bail POCSO Case: 15 साल की नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में जेल में सजा काट रहे 22 साल के एक युवक को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। आरोपी युवक पर POCSO एक्ट में कार्रवाई की गई थी। बताया जा रहा है कि, आरोपी युवक अब लगभग 3 साल बाद जेल से जमानत पर बाहर आयेगा। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई में दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए थे और साथ ही जांच में यह पाया कि, आरोप लगाने वाली लड़की युवक के साथ प्रेम संबंध में थी।
'लड़की को परिणाम पता था, फिर भी शारीरिक संबंध बनाए'
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा कि, सब कुछ जान लेने के बाद यह स्पष्ट होता है कि लड़की और युवक के बीच प्रेम संबंध थे और दोनों के बीच शारीरिक संबंध आपसी सहमति से बने थे। उस समय 15 साल की नाबालिग रही लड़की को यह पता था कि, वह क्या कर रही है और आगे इसका परिणाम क्या हो सकता है। यही नहीं शारीरिक संबंध बनाने के बाद लड़की अपनी मर्जी से युवक के साथ घर छोड़कर भी भागी। इससे यह और साफ होता है कि, लड़की युवक के साथ ही रहना चाहती थी।
वहीं आरोपी युवक को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि एक लड़की के मामले में कानून के प्रावधान कड़े होने के बावजूद, न्याय के हित में जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता, खासकर जब चार साल से मामला लंबित है और अभी तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। वहीं कोर्ट ने मामले की सुनवाई में यह भी नोटिस किया कि जब लड़की ने भागने के बाद परिवार को फोन करके बताया कि वह उत्तर प्रदेश के एक गांव में है, तब परिवार ने शुरुवात में कोई कार्रवाई नहीं की।
कुछ ऐसा है पूरा मामला
रिपोर्ट्स के अनुसार, 8 अगस्त 2020 को 15 साल की नाबालिग रही लड़की अपने घर से लापता हो गई थी। परिवार को पता था कि लड़की प्रेमी युवक के साथ भागी है। लड़की का पिता युवक को जानता था। इसलिए उसने नवी मुंबई में युवक के किराए के मकान पर जाकर तलाश की, लेकिन वह वहां नहीं मिला। वहीं दो दिन बाद लड़की ने अपने पिता को फोन किया और बताया कि वह उत्तर प्रदेश में युवक के गांव में है।
2021 में गर्भवती हो गई लड़की
बताया जाता है कि, मई 2021 में, करीब 10 महीने बाद, लड़की ने अपने पिता को फिर से फोन किया और बताया कि वह गर्भवती हो गई है और जो उसका प्रेमी युवक है, वह उससे शादी करने से मना कर रहा है। बताया जाता है कि, लड़की ने पिता से नवी मुंबई वापस आने में मदद मांगी। जिसके बाद पिता पुलिस के साथ उत्तर प्रदेश गए और लड़की को साथ वापस ले आए।
लड़की ने बयान दर्ज कराया
वहीं वापस आने के बाद लड़की ने युवक पर रेप का आरोप लगाया और पुलिस को बताया कि, वह 2019 से युवक को जानती थी। युवक उसे अपनी भावनाएं बताया करता था और साथ रहने की बातें करता था। वहीं माता-पिता की मनाही के बावजूद दोनों नियमित रूप से मिलते भी थे। इस बीच मार्च 2020 में युवक ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए, जिसके बाद कोविड लॉकडाउन के कारण वह अपने गांव चला गया।
स्तन दबाना, पायजामे का नाड़ा तोड़ना रेप की कोशिश नहीं
पिछले महीने मार्च में ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में आया रेप का एक मामला खूब चर्चा में आया था। दरअसल, इस मामले पर हाईकोर्ट में जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की और टिप्पणी करते हुए कहा था- लड़की के स्तन दबाना, पायजामे का नाड़ा तोड़ना रेप की कोशिश नहीं मानी जा सकती। जस्टिस मिश्रा ने 3 आरोपियों के खिलाफ दायर क्रिमिनल रिवीजन पिटीशन स्वीकार कर ली थी।
इधर रेप मामले पर इस तरह की टिप्पणी को लेकर जब इलाहाबाद हाईकोर्ट और जस्टिस मिश्रा की आलोचना हुई तो मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत:संज्ञान लिया था। जिसके बाद जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, "हाईकोर्ट के ऑर्डर में की गई कुछ टिप्पणियां पूरी तरह असंवेदनशील और अमानवीय नजरिया दिखाती हैं। यह बहुत गंभीर मामला है और जिस जज ने यह फैसला दिया, उसकी तरफ से बहुत असंवेदनशीलता दिखाई गई।
बेंच ने कहा था कि, हमें यह कहते हुए बहुत दुख है कि फैसला लिखने वाले में संवेदनशीलता की पूरी तरह कमी थी। यह मानवता और कानून दोनों के खिलाफ है। इस तरह की टिप्पणियां 'संवेदनहीनता' को दर्शाती हैं और कानून के मापदंडों से परे हैं। वहीं बेंच ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सोशल मीडिया पर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से आई यह टिप्पणी खूब चर्चा का विषय बनी थी।
दूसरी तरफ इसी तरह एक अन्य रेप के मामले में इलाहबाद हाइकोर्ट ने पीड़ित छात्रा को ही रेप का जिम्मेदार बताया था। ये टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह ने की। जस्टिस संजय कुमार ने कहा था कि, यदि पीड़ित के आरोपों को सही मान भी लिया जाए, तो इस नतीजे पर पहुंचा जा सकता है कि उसने खुद ही मुसीबत को न्योता दिया था। वह रेप के लिए खुद ही जिम्मेदार भी है। मेडिकल जांच में हाइमन टूटा हुआ पाया गया था, लेकिन डॉक्टर ने यौन हिंसा की बात नहीं की। 10 अप्रैल को कोर्ट ने रेप के आरोपी को जमानत देते हुए कहा, 'सेक्स दोनों की सहमति से हुआ था।' रेप का यह मामला सितंबर 2024 का था।
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